सवाल:mera 6 month chal raha h or mere pait m right side m kbhi kbhi drd hota h... ye kyu hota h drd.. koi prob to ni h
उत्तर: Pragnacy में कभी राइट साइड या तो लेफ्ट साइड pain होता है क्युकी पेट के दोनों साइड राउंड लिगमेंट होते है जो कि उतेरुस से भी जुड़े होते है जो एक रबर कि भाटी होती है ये कभी कड़क और कभी मुलायम हो सकती है
जब हम सेकंड ट्रिमस्टर में होते है तब उस टाइम उतेरुस का साइज बढ़ता है और उस लिगमेंट में प्रभाव पड़ने के कारन हमें कभी राइट साइड या तो कभी लेफ्ट साइड दर्द हो सकता है ये दर्द थर्ड ट्रिमस्टर तक हो सकते है
उसके लिए घबराने नहीं चाहिए क्युकी ये सरीर के अंदर होने वाली एक सामान्य प्रोसेस है जो बच्चे के साइज बढ़ने पर निर्भर करता है
अगर आपको बहुत ज्यादा दर्द हो रहा हो तो आप हॉट वाटर बैग का उपयोग कर अपने पेट के निचले हिस्से को।सेकै कर सकते हैं
सवाल:मेरा 9 mnth chal rha h but kal se mujhe back lan kbhi let m side m or kbhi niche side drd ho rha h kbhi bhot taij or kbhi halka..kya ye norml h ye delivry pain h ??
उत्तर: हेलो डियर
प्रेग्नेंसी में लेबर पेन का एक्सपीरियंस हर महिला के लिये अलग-अलग होता है। इसका कोई निश्चित ढंग नहीं होता है जिससे यह समझ सकें कि यह लेबर का दर्द है।प्रेग्नेंसी के आखिरी हफ्ते में ूट्रस में ऐंठन जैसी लगती हैं जिसे फॉल्स लेबर कहते हैं। फॉल्स लेबर डिलीवरी के कुछ देर पहले ही होता है इसलिए प्रग्नेंट लेडी के लिए यह जानना मुश्किल हो जाता है कि ये फॉल्स लेबर हैं या रीयल लेबर पेन है। लेबर पेन नहीं आने पर भी यदि शिशु अंदर achhe से है तो जबरदस्ती लेबर पेन लाने की बिल्कुल भी कोशिश ना करें .लेबर pain aane ka आप इंतजार करें और अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो 42 weeks होने के बाद आप डॉक्टर के पास जरूर जाएं.
सवाल:hello dr mera 6 mnth chlra h mere right side m pet se niche pain hota h uthne bthne m jyada hota h koi problm to nh
उत्तर: hello
आप सोते समय राइट करवट करके सो जाती होंगी जिसके कारण बच्चे का पूरा भार राइट साइड पर पड़ता है और राइट साइड में शरीर के सारे आंतरिक अंग होते हैं।
बच्चे का दबाव पड़ने के कारण उन अंगों पर दर्द होता है। इसलिए आप जब भी सोए तो अपने सही पोजीशन पर सोए
अगर आप लेफ्ट करवट करके सोएंगे तो बच्चो को पेट में जगह अच्छे से मिलता है और ब्लड और ऑक्सीजन सप्लाई मे रुकावट नहीं आती। शरीर के आंतरिक अंगों पर दबाव भी नहीं बनता जिसके कारण दर्द से आराम मिलता है।।