प्रेगनेंसी में शारीरिक, मानसिक बदलावों के साथ ही गर्भवती महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव भी होते है, इनमें गर्भावस्था में मूड स्विंग (mood swings during pregnancy in hindi) होना एक है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई बदलावों से गुज़रना पड़ता है, जिसकी वजह से मूड स्विंग (mood swings in hindi) होना सामान्य माना जाता है। इस ब्लॉग में गर्भावस्था में मूड स्विंग (mood swings in pregnancy in hindi) होने के लक्षण, कारण और इसके नियंत्रण के उपाय बताए गए हैं-
1. प्रेगनेंसी में मूड स्विंग क्या होते है?
(pregnancy me mood swings kya hote hai)
प्रेगनेंसी में शारीरिक बदलाव के साथ ही कई परिवर्तन होते हैं, जिनमें से मूड स्विंग (mood swings in hindi) एक होता है। गर्भावस्था की पहली तिमाही से गर्भवती महिलाओं को मूड स्विंग होने लगते हैं और यह लगभग पूरी प्रेगनेंसी रह सकते है। आमतौर पर प्रेगनेंसी को लेकर महिलाओं में उत्साह ज्यादा होने की वजह से उनके मिजाज़ में बदलाव होता रहता है।
डॉक्टरों का मानना है कि गर्भावस्था में मूड स्विंग (mood swings during pregnancy in hindi) या मिजाज़ में बदलाव होना, स्वस्थ गर्भावस्था का संकेत होता है। महिलाओं को गर्भधारण करने के लिए शरीर के विभिन्न हार्मोन मदद करते हैं, और गर्भधारण के बाद उन्हीं हार्मोन्स की मात्रा में परिवर्तन के कारण मिजाज़ बदलता रहता है।
2. गर्भावस्था में मूड स्विंग के लक्षण क्या होते हैं?
(pregnancy me mood swings ke lakshan kya hote hai)
गर्भावस्था में मूड स्विंग (mood swings during pregnancy in hindi) होने के लक्षण बहुत सामान्य होते है, इसीलिए इन्हें पहचाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। नीचे एेसे ही कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में बताया गया है-
- बिना किसी कारण अचानक गुस्सा हो जाना।
- चिड़चिड़ेपन में वृद्धि होना।
- अकारण चिंता होना।
- नींद न आना।
- खाने की चीजों में अरूचि होना।
- किसी की बातों पर ध्यान न रख पाना।
- कुछ कहते-कहते भूल जाना।
- बेवज़ह किसी पर नाराज़ हो जाना।
3. प्रेगनेंसी में मूड स्विंग के क्या कारण होते हैं?
(pregnancy me mood swings ke kya karan hote hai)
प्रेगनेंसी में मूड स्विंग (mood swings in pregnancy in hindi) होने के विभिन्न कारण हो सकते हैं। इन कारणों का वर्णन नीचे किया जा रहा है-
प्रेगनेंसी में मूड स्विंग के कारण: हार्मोनल बदलाव- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिनमें एस्ट्रोजन हार्मोन (astrogen hormone in hindi) और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन (progesteron hormone in hindi) की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इन हार्मोनल बदलावों की वजह से महिलाओं को मूड स्विंग (mood swings in hindi) होते हैं।
प्रेगनेंसी में मूड स्विंग के कारण: शारीरिक परिवर्तन- कई बार प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों को वे अपना नहीं पाती, जिसकी वजह से उन्हें मूड स्विंग (mood swings in hindi) होते हैं।
प्रेगनेंसी में मूड स्विंग के कारण: बच्चे के बढ़ने की चिंता- गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान कई बार गर्भवती महिलाओं को उनके गर्भ में पल रहे बच्चे के बढ़ने की चिंता सताती है, जिसके कारण उन्हें मूड स्विंग (mood swings in hindi) होते रहते हैं।
प्रेगनेंसी में मूड स्विंग के कारण: शारीरिक तनाव- प्रेगनेंसी के कई मामलों में गर्भवती महिलाओं को कुछ शारीरिक समस्याओं की वजह से भी मूड स्विंग (mood swings during pregnancy in hindi) होते हैं।
प्रेगनेंसी में मूड स्विंग के कारण: थकान- गर्भावस्था में थकान (tiredness during pregnancy in hindi) की वजह से महिलाओं को मूड स्विंग (mood swings in hindi) होते हैं।
4. गर्भावस्था में मूड स्विंग से बचने के लिए क्या करें?
(pregnancy me mood swings se bachne ke liye kya kare)
प्रेगनेंसी में मूड स्विंग (mood swings during pregnancy in hindi) से बचने के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि अब आप अकेली नहीं हैं, और आपके गर्भ में एक नन्हीं सी जान पल रही है। कुछ आम बातों का ध्यान रख कर आप गर्भावस्था में मूड स्विंग (mood swings during pregnancy in hindi) से बच सकती हैं-
- अपनी नींद पूरी करें।
- ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
- अपने शरीर के सामान्य बदलावों से घबराएं नहीं।
- नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियां करती रहें, जैसे व्यायाम एवं योग आदि। रोज़ाना पैदल सैर करें।
- संतुलित भोजन लें।
- अपने साथी के साथ समय बिताएं।
- मालिश करवाएं, इससे थकान दूर होगी और मूड स्विंग कम होंगे।
- ठंड का मौसम है तो गुनगुने पानी और गर्मी का मौसम है तो ठंडे पानी से नहाएं।
- अपने किसी दोस्त से शारीरिक और मानसिक अवस्था के बारे खुलकर बात करें।
5. प्रेगनेंसी में मूड स्विंग कम करने के लिए कौन से योग करने चाहिए?
(pregnancy me mood swings kam karne ke liye kon se yoga karne chahiye)
प्रेगनेंसी में मूड स्विंग (mood swings during pregnancy in hindi) कम करने के लिए योग को हर लिहाज़ से फायदेमंद माना जाता है। गर्भावस्था में नियमित रूप से योग करने से महिलाओं की सहनशक्ति बढ़ती है और उनकी मनोदशा में बदलाव आता है। इससे मन की शांति भी मिलती है। प्रेगनेंसी में मूड स्विंग (mood swings during pregnancy in hindi) को नियंत्रण में रखने के लिए आप नीचे बताए गए योग कर सकती हैं-
- विपरीत करनी (viparit karani / leg up the wall yoga in hindi)
- बालासन (balasana / child pose yoga in hindi)
- मलासन (malasan / yogi squat yoga in hindi)
- मार्जरासन (marjaryasan / cat pose yoga in hindi)
- बितिलासन (bitilasana / cow pose yoga in hindi)
- उत्तानासन (uttanasana / gentle standing forward fold yoga in hindi)
- सुखासन (sukhasan / easy pose yoga in hindi)
ध्यान रखें- हर महिला को प्रेगनेंसी में अलग-अलग समस्याएं हो सकती हैं, इसीलिए इन योगासनों को करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह ले लें।
6. प्रेगनेंसी में मूड स्विंग कम करने के लिए संतुलित भोजन क्यों जरूरी है?
(pregnancy me mood swings kam karne ke liye balanced diet kyu jaruri hai)
कहते हैं गर्भावस्था के दौरान संतुलित भोजन करने से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि मन भी प्रसन्न रहता है और तनाव व थकान दूर होती है। यही कारण है कि प्रेगनेंसी में मूड स्विंग (mood swings in pregnancy in hindi) कम करने के लिए संतुलित भोजन करने पर विशेष ज़ोर दिया जाता है।
प्रेगनेंसी में संतुलित भोजन करने का मतलब है कि आप अपने भोजन में पोषक तत्वों को शामिल करें और एक बार में भारी भोजन करने के बजाए थोड़ी-थोड़ी देर में भोजन करते रहें।
आयरन युक्त भोजन- प्रेगनेंसी में मूड स्विंग (mood swings during pregnancy in hindi) कम करने के लिए आयरन युक्त चीजें अपने भोजन में शामिल करें। इनमें मुख्य रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों में पालक, मेथी, हरा प्याज चुकंदर, आलू, फलियों में मटर, राजमा, लोबिया, साबुत अनाज में बाजरा, रागी, सूखे मेवे में अंजीर, किशमिश और इनके अलावा गुड़ एवं कम वसा वाला माँस शामिल हैं।
कैल्शियम युक्त भोजन- गर्भावस्था में मूड स्विंग (mood swings in pregnancy in hindi) कम करने के लिए कैल्शियम युक्त चीजें अपने भोजन में शामिल करें। इनमें मुख्य रूप से हरी पत्तेदार सब्जियां, संतरा, डेयरी उत्पाद में दूध, दही, पनीर, सूखे मेवे में खजूर, अंजीर, बादाम आदि शामिल हैं।
विटामिन युक्त भोजन- प्रेगनेंसी में मूड स्विंग (mood swings during pregnancy in hindi) कम करने के लिए विटामिन युक्त चीजें अपने भोजन में शामिल करें। इनमें मुख्य रूप से
- विटामिन ए में हरी पत्तेदार सब्जियां, नारंगी/पीले रंग के फल व सब्जियां, दूध व इससे बने पदार्थ आदि शामिल हैं।
- विटामिन बी में फल व सब्जियाँ- मटर, पालक, मेथी, टमाटर, लहसुन, शकरकंद, दूध, भुने बादाम, मूंगफली, जई (ओट्स), अंडा आदि शामिल हैं।
- विटामिन सी में टमाटर, अंगूर, संतरा आदि शामिल हैं।
- विटामिन डी में तैलीय मछली शामिल हैं।
- विटामिन ई में पालक, सरसों का साग, सोयाबीन, बादाम, अंडा आदि शामिल हैं।
- विटामिन K में सब्जियाँ- पालक, खीरा, मटर, फलियाँ, दूध शामिल हैं।
प्रोटीन युक्त भोजन- गर्भावस्था में मूड स्विंग (mood swings in pregnancy in hindi) कम करने के लिए प्रोटीन युक्त चीजें अपने भोजन में शामिल करें। इनमें मुख्य रूप से
- सब्जियों में दाल, राजमा, सोयाबीन
- डेयरी उत्पादों में दूध, दही, पनीर
- सूखे मेवे में बादाम, काजू
- मांसाहार में अंडा, मांस, मछली आदि शामिल हैं।
7. गर्भावस्था में मूड स्विंग ज्यादा होने पर डॉक्टर की सलाह कब लें
(pregnancy me mood swings jyada hone par doctor ki salah kab le)
गर्भावस्था का समय बेहद नाज़ुक होता है, इसीलिए ज्यादा मूड स्विंग (mood swings in hindi) होने पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान अगर आपको मूड स्विंग के साथ ही अवसाद, तनाव, थकान महसूस होती है, तो यह किसी अन्य समस्या के संकेत हो सकते हैं।
विशेषज्ञ कहते हैं कि जिन महिलाओं को ज्यादा मूड स्विंग (mood swings in hindi) होते हैं, उन्हें अक्सर नींद न आने की समस्या हो सकती है। प्रेगनेंसी में अच्छी नींद न लेने का दुष्प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ सकता है। एेसी किसी भी समस्या का अंदेशा होने पर डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
यदि आपको बार-बार प्रेगनेंसी में मूड स्विंग (mood swings during pregnancy in hindi) हो रहे हैं, तो ये आपके शिशु के विकास के लिए बाधा बन सकते हैं। इसीलिए समय रहते इनका उपचार करना जरूरी है। महिलाओं को यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि मूड स्विंग का अनुभव न केवल सामान्य है, बल्कि कुछ हद तक अपेक्षित भी है।
हालिया शोध से पता चला है कि मूड स्विंग (mood swings in hindi) से गर्भवती महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याएं प्रभावित कर सकती हैं। हमारे ब्लॉग में बताए गए उपायों को अपनाकर गर्भावस्था में मूड स्विंग (mood swings in pregnancy in hindi) को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन समस्या बढ़ने पर डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।