नवजात शिशुओं की आँतें अविकसित होती हैं, ऐसे में उन्हें कब्ज होने की आशंका बनी रहती है। आमतौर पर, स्तनपान करने वाले शिशु एक से सात दिन में मलत्याग (baby potty in hindi) करते हैं, वहीं फॉर्मूला दूध पीने वाले शिशु रोज मलत्याग करते हैं। अगर शिशु मलत्याग करने में इससे ज्यादा समय ले और उसका मल कठोर हो, तो वह कब्ज से पीड़ित हो सकता है। इस ब्लॉग में हम आपको नवजात शिशु की कब्ज दूर करने के घरेलू नुस्खे बता रहे हैं।
ध्यान दें- अगर आपका बच्चा छह माह से कम आयु का है, तो उस पर कोई घरेलू नुस्खा ना आज़माएँ और उसे डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
ब्लॉग में बताए गए घरेलू नुस्खों से छह महीने से अधिक उम्र के शिशुओं को कब्ज से राहत मिल सकती है। मगर, इन घरेलू नुस्खों का उपयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह लेना सबसे बेहतर होगा।
शिशु की कब्ज दूर करने के 18 घरेलू नुस्खे
(Baby ki kabj dur karne ke 18 gharelu nuskhe)
कब्ज होने पर शिशु बहुत परेशान हो जाता है। उसे इस समस्या से राहत दिलाने के 20 घरेलू नुस्खे निम्नलिखित हैं-
1. बच्चे की कब्ज ठीक करने के घरेलू नुस्खे: बच्चे को ज्यादा स्तनपान कराएं
(Baby ko jyada stanpan karaye)
स्तनपान करने वाले नवजात शिशु की कब्ज का एक सामान्य कारण, उसे पर्याप्त मात्रा में दूध ना मिल पाना हो सकता है। इसलिए अगर आपका शिशु कब्ज से पीड़ित है, तो उसे ज्यादा स्तनपान कराना फायदेमंद साबित हो सकता है। जैसे, अगर अभी आप शिशु को हर चार घण्टे में स्तनपान कराती हैं, तो अब आगे से आप उसे हर तीन घण्टे में स्तनपान करवाएं।
2. शिशु की कब्ज ठीक करने के घरेलू नुस्खे: शिशु का फॉर्मूला दूध बदलें
(Shishu ka formula dudh badle)
अगर आपका बच्चा फॉर्मूला दूध पीता है, तो उसकी कब्ज का मुख्य कारण यह दूध हो सकता है। इसलिए इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेकर उसे दूसरे ब्रांड का फॉर्मूला दूध पिलाएं। हालांकि इससे बच्चे की कब्ज दूर होने की सौ प्रतिशत गारण्टी नहीं है, लेकिन फॉर्मूला दूध बदलने से उसे इस समस्या से राहत ज़रूर मिल सकती है।
ध्यान दें- डॉक्टर की सलाह के बिना शिशु का फॉर्मूला दूध ना बदलें।
3. बच्चे की कब्ज ठीक करने के घरेलू उपाय: बच्चे को सौंफ का पानी पिलाएं
(Bache ko saunf ka pani pilaye)
सौंफ एक बेहद गुणकारी आयुर्वेदिक औषधि व मसाला है। यह शिशु के पाचनतंत्र को सेहतमंद रखती है और उसे कब्ज से छुटकारा दिलाने में भी सहायक होती है।
तरीका- एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी में तीन से चार मिनट तक उबालें। इसके बाद इसे थोड़ी देर ठंडा होने दें। फिर इसे एक कप में छान लें।
कब्ज से पीड़ित बच्चे को यह पानी दिन में तीन से चार बार पिला सकते हैं। यह छह माह व उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षित है।
4. शिशु की कब्ज ठीक करने के घरेलू उपाय: शिशु को आलूबुखारे का जूस पिलाएं
(Baby ko alubukhare ka juice pilaye)
आलूबुखारे का जूस शिशु की कब्ज की सबसे प्रभावी दवाओं में से एक है। इसमें मल को मुलायम बनाने का प्राकृतिक गुण होता है, जिसके ज़रिए यह शिशु के मलत्याग को आसान बनाकर उसे कब्ज से राहत देता है।
तरीका- दो आलूबुखारे बारीक काटें और इन्हें मिक्सर में पीस लें। इसके बाद छलनी से छानकर एक कप में इनका जूस निकालें। अब दो चम्मच आलूबुखारे के जूस में आधा चम्मच पानी मिलाएं।
कब्ज से पीड़ित शिशु को यह जूस को दिन में तीन से चार बार पिला सकते हैं। यह छह माह या उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षित है।
5. बच्चे की कब्ज ठीक करने के घरेलू नुस्खे: बच्चे को सेब का जूस पिलाएं
(Bache ko seb ka juice pilaye)
कब्ज से परेशान बच्चे को कम मात्रा में सेब का जूस पिलाना फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें पैक्टीन नामक एक तत्व पाया जाता है, जो कठोर मल को नर्म व मुलायम बनाकर शिशु के लिए शौच करना आसान बनाता है।
मगर इस दौरान बच्चे को उबला हुआ सेब खाने को ना दें, क्योंकि यह कब्ज कम करने के बजाय बढ़ा सकता है।
तरीका- एक मध्यम आकार के सेब को साफ पानी से अच्छी तरह से धो लें। इसके बाद इसे बिना छीले, काटें और मिक्सर में पीस लें। फिर छलनी की सहायता से एक कप में सेब का जूस इकट्ठा कर लें।
कब्ज से राहत दिलाने के लिए बच्चे को दिन में दो बार यह जूस पिलाएं। छह महीने व इससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए सेब का जूस पीना सुरक्षित है।
6. शिशु की कब्ज ठीक करने के घरेलू नुस्खे: शिशु को नाशपाती का जूस पिलाएं
(Shishu ko nashpati ka juice pilaye)
नाशपाती बच्चों की कब्ज दूर करने में बेहद कारगर है। इसमें पैक्टीन नामक तत्व के साथ ही सेहतमंद रेशे (फाइबर) भी पाए जाते हैं, जो आंतों को स्वस्थ बनाकर मल का प्रवाह सामान्य करते हैं। इससे शिशु को नियमित रूप से मल त्याग करने में मदद मिलती है।
तरीका- एक मध्यम आकार की नाशपाती को साफ पानी से अच्छी तरह से साफ करें। इसके बाद आप दो तरीकों से इसका जूस निकाल सकते हैं।
पहला, नाशपाती को काटकर मिक्सर में पीस लें और छलनी की सहायता से जूस को एक कप में छान लें।
दूसरा, नाशपाती को कद्दूकस में घिसें और छलनी की सहायता से इसके जूस को एक कप में निकाल लें।
बच्चे को कब्ज से राहत दिलाने के लिए पांच चम्मच नाशपाती के जूस में पांच चम्मच पानी मिलाकर, दिन में दो से तीन बार पिलाएं। यह पांच महीने व उससे अधिक उम्र के शिशुओं के लिए सुरक्षित है।
7. बच्चे की कब्ज ठीक करने के घरेलू उपाय: बच्चे को टमाटर का जूस पिलाएं
(Bache ko tamatar ka juice pilaye)
टमाटर बच्चे की पाचन क्रिया को सही रखकर, उसे कब्ज से राहत दिलाता है। शिशु की कब्ज दूर करने के लिए उसे टमाटर का रस पिलाना फायदेमंद होता है। इसके अलावा अगर बच्चा ठोस आहार खाने लगा है, तो उसे नियमित रूप से टमाटर खिलाएं।
तरीका- एक छोटे टमाटर को साफ पानी से धोकर साफ कर लें। अब इसे दो टुकड़ों में काटकर एक कप पानी में उबालें। अच्छी तरह से पक जाने पर, छलनी की सहायता से एक कप में टमाटर का जूस निकाल लें।
शिशु को कब्ज से राहत दिलाने के लिए दिन में एक बार तीन से चार चम्मच टमाटर का रस पिलाएं। यह छह महीने व उससे बड़े बच्चों के लिए सुरक्षित है।
8. शिशु की कब्ज ठीक करने के घरेलू उपाय: शिशु को संतरे का जूस पिलाएं
(Baby ko santre ka juice pilaye)
ठोस आहार खाने की वजह से भी शिशु अक्सर कब्ज का शिकार हो जाता है। ऐसे में उसे संतरे का जूस पिलाना काफी फायदेमंद होता है, यह पाचनतंत्र को स्वस्थ रखता है और मल का प्रवाह नियमित बनाए रखता है।
तरीका- अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से साफ करें। अब एक संतरे को छीलें और इसकी फांकों को मिक्सर में पीसें। इसके बाद छलनी की सहायता से जूस को एक कप में छान लें।
दो चम्मच संतरे के जूस में तीन चम्मच पानी मिलाकर बच्चे को दिन में दो बार पिलाएं। छह महीने और उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए यह जूस बिल्कुल सुरक्षित है।
9. बच्चे की कब्ज ठीक करने के घरेलू नुस्खे: बच्चे को अंजीर का पानी पिलाएं
(Bache ko anjir ka pani pilaye)
अंजीर फाइबर व अन्य कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह शिशु के मल को नर्म व मुलायम बनाकर उसे कब्ज से छुटकारा दिलाने में बेहद मददगार होता है।
तरीका- दो-तीन सूखे अंजीरों को साफ पानी से धोकर साफ कर लें। अब इन्हें एक छोटी कढ़ाही या फ्राइंग पैन में एक कप पानी डालकर धीमी आंच पर तब तक पकाएं, जब तक कि बर्तन में आधा कप पानी ना रह जाए। इसके बाद इन्हें ठंडा करके साफ हाथों से मसलकर पानी में मिला लें। फिर इस घोल को छलनी से छानकर एक कप में अंजीर का पानी निकाल लें।
शिशु को कब्ज से राहत दिलाने के लिए सुबह के समय यह पानी पिलाएं। अंजीर का पानी छह महीने व इससे ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षित है।
10. शिशु की कब्ज ठीक करने के घरेलू नुस्खे: शिशु को दही खिलाएं
(Shishu ko dahi khilaye)
शिशु का पाचनतंत्र कम विकसित होने की वजह से अक्सर भोजन को उचित ढंग से पचा नहीं पाता है, इससे वह कब्ज का शिकार हो जाता है। ऐसे में प्रोबायोटिक्स (एक प्रकार के अच्छे जीवाणु, जो हमारे पेट में पाए जाते हैं और भोजन के पाचन में मदद करते हैं) से भरपूर दही शिशु को कब्ज से राहत दे सकते हैं।
आप शिशु को हल्का ठंडा-सादा दही खिला सकते हैं। अगर आप चाहें तो उसे दही में थोड़ा नमक व भुना-बारीक पिसा जीरा मिलाकर भी दे सकती हैं। छह महीने या इससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए दही खाना सुरक्षित है।
11. बच्चे की कब्ज ठीक करने के घरेलू उपाय: बच्चे के खाने में नारियल का तेल मिलाएं
(Baby ke khane me nariyal ka tel milaye)
नारियल का तेल एक प्राकृतिक रेचक यानी मल को नर्म व मुलायम बनाने वाला पदार्थ है। इसलिए यह शिशु को कब्ज से राहत दिलाने में बेहद मददगार है।
तरीका- बच्चे के भोजन (बेबीफूड) में करीब दो मिलीग्राम शुद्ध नारियल का तेल मिलाएं और उसे खिलाएं।
शिशु के छह महीने का हो जाने के बाद आप उसे नारियल का तेल खिला सकते हैं। अगर बच्चा छह महीने से छोटा है, तो उसकी गुदा पर नारियल का तेल लगा सकते हैं। इससे वह चिकनी हो जाएगी और मल आसानी से बाहर आ सकेगा।
12. शिशु की कब्ज ठीक करने के घरेलू नुस्खे: शिशु को पपीता खिलाएं
(baby ko papita khilaye)
पपीता शिशु के पाचनतंत्र को स्वस्थ रखता है और मल का प्रवाह नियमित बनाए रखता है। इसलिए यह उसे कब्ज से छुटकारा दिलाने में सहायक होता है। इसके साथ ही नियमित रूप से पपीता खाने से शिशु को दोबारा कब्ज होने की आशंका बेहद कम होती है।
तरीका- आप बच्चे को पपीता मसलकर खिला सकते हैं। इसके अलावा आप उसे पपीता काटकर भी खिला सकते हैं।
छह महीने और उससे अधिक उम्र के बच्चों को पपीता खिलाया जा सकता है।
13. बच्चे की कब्ज ठीक करने के घरेलू नुस्खे: बच्चे के पेट की मालिश करें
(bache ke pet ki malish kare)
शिशु के पेट की मालिश करने से उसकी आंतें सक्रिय हो जाती हैं, जिससे उसकी कब्ज दूर हो सकती है। बच्चे को नहलाने के बाद सुखाते समय, उसके पेट की मालिश करना सबसे बेहतर होता है।
तरीका- आप जिस तेल से शिशु की मालिश करती हैं, उस तेल की आठ-दस बूंदें अपने हाथ में लें और इसे हल्के हाथों से शिशु के पेट पर लगाएं। इसके बाद हाथों को घड़ी की सुईं की दिशा में घुमाते हुए उसके पेट की मालिश करें। इस दौरान शिशु के पेट पर ज्यादा दबाव ना डालें।
इससे बच्चे की कब्ज के साथ ही उसके पेट की ऐंठन व दर्द भी कम होता है। छह हफ़्ते से बड़े शिशुओं के पेट की मालिश की जा सकती है।
14. शिशु की कब्ज ठीक करने के घरेलू नुस्खे: शिशु को गुनगुने पानी से नहलाएं
(Shishu ko gungune pani se nahlaye)
अगर आपका बच्चा कब्ज से परेशान है, तो उसे गुनगुने पानी से नहलाना, कब्ज से राहत देने में मददगार साबित हो सकता है। मगर, इस दौरान यह ध्यान रखें कि पानी का तापमान ज्यादा ना हो।
तरीका- एक टब में गुनगुना पानी भरें। अब बच्चे को 15 से 20 मिनट के लिए इस पानी में बिठाएं। पानी की गर्माहट से उसकी गुदा व पेट की मांसपेशियां ढीली (रिलैक्स) हो जाएंगी। इससे उसे मलत्याग करने में मदद मिलेगी।
शिशु को कब्ज से राहत दिलाने के लिए दिन में एक बार गुनगुने पानी से नहलाएं। यह नुस्खा चार हफ़्ते या इससे बड़े शिशुओं के लिए सुरक्षित है।
15. बच्चे की कब्ज ठीक करने के घरेलू उपाय: बच्चे की गुदा पर तेल लगाएँ
(Bache ki guda par tel lagaye)
कब्ज की वजह से मल सूखकर बेहद कठोर हो जाता है, जिसे बाहर निकालते समय शिशु को दर्द होता है। इस वजह से वह गुदा की मांसपेशियों को दबाकर मल बाहर नहीं निकलने देता है और कब्ज की समस्या पहले से ज्यादा बढ़ जाती है। गुदा पर तेल लगाने से सूखा मल भी आसानी से बाहर निकल सकता है और बच्चे को मलत्याग करते समय दर्द होने आशंका घट जाती है।
तरीका- शिशु को पेट के बल लिटाएं और उसकी गुदा पर नारियल, सरसों या तिल का तेल लगाएं।
ऐसा दिन में दो-तीन बार करें। चार हफ्ते से बड़े शिशुओं की गुदा पर तेल लगाना सुरक्षित है।
16. शिशु की कब्ज ठीक करने के घरेलू उपाय: शिशु को एक्सरसाइज करवाएं
(Baby ko exercise karvaye)
एक्सरसाइज करने से पेट की मांसपेशियां व आंतें सक्रिय हो जाती हैं। इसलिए बच्चे की कब्ज दूर करने में, उसे एक्सरसाइज करवाना बेहद मददगार साबित हो सकता है।
तरीका- बच्चे को पीठ के बल लिटा दें। अब उसके दोनों पैरों को पंजों के पास से पकड़ें। फिर उसके पैरों को धीरे-धीरे ऐसे ऊपर-नीचे करें जैसे वह साइकिल चला रहा हो। ऐसा दो से पांच मिनट तक करें।
बच्चे को कब्ज से राहत दिलाने के लिए दिन में एक या दो बार उसे यह एक्सरसाइज करवाएं। तीन महीने व उससे बड़े बच्चों के लिए यह एक्सरसाइज सुरक्षित है।
17. बच्चे की कब्ज ठीक करने के घरेलू नुस्खे: बच्चे के पेट पर पान का गुनगुना पत्ता लगाएं
(Bache ke pet par pan ka gunguna patta lagaye)
पान के पत्ते में एंटीऑक्सीडेंट्स व दर्द से राहत देने वाले तत्व पाए जाते हैं। यह शिशु की कब्ज को कम करने में सहायता करता है।
तरीका- पान के पत्ते को तवे पर रखकर हल्का गर्म करें। अब इसे बच्चे के पेट पर (नाभि के पास) रखकर हल्के हाथों से दबाएं।
कई माता पिता दावा करते हैं कि, इस नुस्खे से शिशु सामान्य रूप से मल त्याग करने लग जाता है।
बच्चे को कब्ज से राहत देने के लिए इस नुस्खे को दिन में दो बार दोहरा सकते हैं। तीन माह या उससे बड़े शिशुओं के लिए यह नुस्खा बिल्कुल सुरक्षित है।
18. शिशु की कब्ज ठीक करने के घरेलू उपाय: शिशु को फाइबर युक्त चीजें खिलाएं
(Baby ko fibre yukt chije khilaye)
फाइबर शिशु की आंतों का सबसे अच्छा दोस्त होता है, यह उसके पाचनतंत्र को दुरुस्त रखता है। कब्ज से पीड़ित ठोस आहार खाने वाले शिशुओं को फाइबर युक्त चीजें खिलाने से इस समस्या से राहत मिल सकती है।
अगर बच्चा ठोस आहार खाता है, तो उसके भोजन में जई, गेहूँ, जौ आदि का पतला दलिया, उबली सब्जियों की प्यूरी आदि शामिल करें।
ध्यान दें- अगर बच्चा ठोस आहार नहीं खाता है, तो ब्लॉग में बताए गए ऐसे नुस्खे उस पर ना आज़माएँ, जिनमें उसे कुछ ठोस खिलाने की सलाह दी गयी है।
अगर आपका बच्चा कब्ज से परेशान है, तो ब्लॉग में दिए गए घरेलू नुस्खे उसे कब्ज से राहत दिला सकते हैं। अगर सही तरह से उपयोग किये जाएं, तो सभी नुस्खे शिशु के लिए सुरक्षित हैं। मगर, एक बार में एक घरेलू नुस्खा ही आजमाएं, सभी नुस्खे एक साथ आजमाना बच्चे के लिए ठीक नहीं होगा।
अगर इन घरेलू नुस्खों से शिशु की कब्ज दूर या कम ना हो तो उसे डॉक्टर के पास ले जाएं। इसके अलावा अगर उसने भोजन खाना या दूध पीना कम कर दिया है, उसके मल में खून आ रहा है, या उसका वज़न कम हो रहा है, तो उसे तुरंत अस्पताल लेकर जाएं।