हर महिला के प्रेगनेंसी के अनुभवों में आपको कहीं ना कहीं समानताएं तो कहीं अंतर मिल ही जाएगा। लेकिन गर्भावस्था के दौरान बहुत सी ऐसी समस्याएं होती हैं जिनसे हर महिला को गुज़रना पड़ता है। ऐसे में आप क्या क्या सावधानियां बरत रही हैं यह सब आपके और आपके शिशु के अच्छे स्वास्थ्य के लिए काफी ज़रूरी है। आज इस ब्लॉग के ज़रिये हम आपको गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने यानी तीसरी तिमाही के लिए खास टिप्स दे रहे हैं जो आपकी गर्भावस्था को और आसान बना देंगे-
गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने में स्ट्रैच मार्क्स
(stretch marks in pregnancy 3rd trimester)
जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय बढ़ता जाएगा, पेट बढ़ने के कारण आपके स्ट्रैच मार्क्स (stretch marks in hindi) भी बढ़ते जाएंगे। गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने तक आपके पेट और जांघों के आसपास स्ट्रैच मार्क्स (stretch marks in hindi) बढ़ जाएंगे। कुछ महिलाएं स्ट्रैच मार्क्स (stretch marks in hindi) का इलाज तब करना शुरू करती हैं जब वो पूरी तरह से सफेद हो जाते हैं। लेकिन अगर आप स्ट्रैच मार्क्स कम करने के उपाय उनके लाल रहने पर ही कर लेंगी तो यह आसानी से कम होते चले जाएंगे।
गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने में स्ट्रैच मार्क्स कम करने के उपाय
(pregnancy 3rd trimester me stretch marks kam karne ke upay)
आप स्ट्रैच मार्क्स (stretch marks in hindi) हटाने के लिए नींबू का रस, ऐलोवीरा जैल, नारियल का तेल, अरंडी का तेल (castor oil in hindi), जैतून का तेल (olive oil in hindi), बायो ऑयल (bio oil in hindi) में से किसी एक चीज़ को रोज़ाना रात को निशान पर लगाकर सोएं और सुबह उठकर धो लें। ऐसा कई दिनों तक करें। धीरे-धीरे स्ट्रैच मार्क्स कम होने लगेंगे।
गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने में सेक्स करना सुरक्षित है?
(is sex safe during pregnancy 3rd trimester)
अगर आपकी गर्भावस्था में आपको ज्यादा तकलीफ नहीं हुई है तो गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने में में सेक्स करना सुरक्षित माना जाता है। लेकिन तीसरी तिमाही तक आपका पेट काफी बढ़ चुका है इसलिए आपको रिलेशन बनाने के लिए सही पॉज़िशन का चुनाव करना होगा। गलत पॉज़िशन में संबंध बनाने से शिशु को नुकसान पहुंच सकता है। आप ऐसी पॉज़िशन में सेक्स करें जिससे पेट पर दबाव ना पड़े।
गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने में ऐसा हो तो रिलेशन ना बनाएं
(pregnancy ke 3rd trimester me aisa ho to relation na banaye)
- अगर अपरा (प्लेसेंटा प्रीविया) नीचे की तरफ हो तो।
- अगर आपकी पहले कभी समय पूर्व डिलीवरी (premature delivery in hindi) हुई हो तो।
- अगर गर्भ में एक से ज्यादा बच्चे हों तो।
गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने में पेट पर काली लकीर
(black line on stomach in pregnancy 3rd trimester)
गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने तक आपके पेट का आकार पहले से और ज्यादा बढ़ जाएगा। इसके साथ ही आपके पेट के निचले हिस्से (नाभि के नीचे) पर एक काले रंग की लकीर बन जाती है। इसे लाइनिया निगरा (linea nigra in hindi) कहा जाता है। यह प्रेगनेंसी के हार्मोन के कारण होता है। इस काली लाइन से पहले आपने देखा होगा कि इस जगह पर एक सफेद लाइन थी जिसे लाइनिया अल्बा (linea alba in hindi) कहा जाता है।
आपको बता दें कि यह सफेद लाइन पेट पर पहले से ही होती है लेकिन गर्भावस्था से पहले नज़र नहीं आती। जब गर्भावस्था के दौरान पिगमेंट मेलानिन (pigment melanin in hindi) की मात्रा बढ़ती है तो इस लाइन का रंग गहरा होना शुरू हो जाता है। हालांकि डिलीवरी के बाद ये लाइन खुद-ब-खुद दूर हो जाती है।
गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने में शिशु का लात मारना
(pregnancy ke 3rd trimester me baby kick)
जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय बढ़ता है शिशु की किक को महिला ज़रूर महसूस करती होगी। शिशु का पेट में लात मारना उसके सक्रिये और स्वस्थ रहने की निशानी होती है। हालांकि गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने तक शिशु इतना बड़ा हो जाता है कि उसे गर्भ में लात मारने की जगह नहीं मिल पाती लेकिन फिर भी आपको कभी-कभी इस दौरान भी शिशु का लात मारना महसूस होता रहेगा। हो सकता है कि डॉक्टर आपको इस दौरान शिशु की लात मारने की हरकत पर ध्यान देने को कहे या दिन में कितनी बार शिशु का लात मार रहा है उसे गिनने को कहें। इसके लिए आप शोर-शराबे से दूर जाएं और शिशु की हरकत पर गौर करें। ऐसा करने से शिशु की सक्रियता का पता चलेगा।
गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने में कौन-कौन से टेस्ट होते हैं?
(medical test during pregnancy 3rd trimester)
बस अब ज्यादा समय नहीं है आपके शिशु के इस दुनिया में आने का। गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने में कोई चूक ना हो इस बात विशेष ख्याल रखा जाता है। यूं तो पूरी गर्भावस्था में समय समय पर डॉक्टरी जांच करवानी ज़रूरी है और गर्भावस्था के गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने में डॉक्टर आपकी निम्न जांच कर सकते हैं-
- ग्रुप बी स्ट्रैप्टोकोकस स्क्रीनिंग (Group B streptococcus screening)- ग्रुप बी स्ट्रैप्टोकोकस एक तरह का जिवाणु है जो व्यक्ति में पाया जाता है और करीब एक चौथाई महिलाओं की योनि में यह जिवाणु होता है। यूं तो यह जिवाणु डिलीवरी के दौरान शिशु तक पहुंच सकता है लेकिन ज्यादातर यह नुकसानदायक नहीं होता। हालांकि यह असामान्य कारण है लेकिन जीबीएस से नवजात शिशुओं में संक्रमण हो सकता है। जिन महिलाओं में यह जिवाणु पाए जाते हैं उन्हें डॉक्टर एंटिबायोटिक्स दवाएं देते हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक फेटल हार्ट मॉनिटरिंग (electronic fetal heart rate monitoring)- यह जांच गर्भ में शिशु के स्वास्थ्य की जांच के लिए की जाती है। इसके अलावा यह जांच डिलीवरी के दौरान भी की जाती है।
- नॉनस्ट्रैस टेस्ट (nonstress test)- बच्चा गर्भ में ठीक से विकसित हो रहा है या नहीं इसके लिए डॉक्टर आपको नॉनस्ट्रैस टेस्ट (nonstress test) कराने की सलाह दे सकते हैं।
- कॉन्ट्रैक्शन स्ट्रैस टेस्ट (contraction stress test)- बच्चे की दिल की धड़कन और डिलीवरी के बाद शिशु कब तक तनाव से मुक्त हो पाएगा इसका पता लगाने के लिए कॉन्ट्रैक्शन स्ट्रैस टेस्ट करवाया जाता है।
- इसके अलावा अल्ट्रासाउंड भी फिर से कराने की सलाह दे सकते हैं आपके डॉक्टर।
गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने में यात्रा करना कितना सुरक्षित है?
(is travelling safe during pregnancy 3rd trimester)
गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने में यात्रा करने से डॉक्टर पूरी तरह ही मना करते हैं। चूंकि यह गर्भावस्था का अंतिम चरण होता है इसलिए इस दौरान तो किसी भी चीज़ का जोखिम बिल्कुल ही नहीं उठाना चाहिए। गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौंवे महीने के दौरान यात्रा करने से गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए कोशिश करें कि आप यात्रा ना ही करें और पूरा आराम करें।
गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौवें महीने में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
(Pregnancy 3rd triemester me kin bato ka dhyan rakhna chahiye)
- गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौवें महीने में ज्यादा देर तक एक ही अवस्था में ना बैठें, थोड़ी थोड़ी देर में चलती फिरती रहें।
- प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में पेट काफी बड़ा हो जाता है, ऐसे में थोड़ा सम्भल कर चलें। गिरने से आपके बच्चे को चोट लग सकती है।
- गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौवें महीने में थोड़ी एक्सरसाइज (pregnancy exercise in hindi) करती रहें, ताकि आपका शरीर डिलीवरी के लिए तैयार हो सके।
- गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में खानपान का विशेष ध्यान रखें और पौष्टिक भोजन खाएं (pregnancy me kya khana chahiye)।
- प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में वज़न उठाने वाला कोई काम ना करें, अपने शरीर को पर्याप्त आराम दें।
- गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान बच्चे के सही विकास (fetal development in hindi) के लिए माँ को अच्छी तरह सोना चाहिए (pregnancy me kaise sona chahiye)।
- तीसरी तिमाही के दौरान कब्ज (constipation during pregnancy in hindi) और सीने में जलन (heartburn during pregnancy in hindi) की समस्या से राहत पाने के लिए दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीती रहें।
- प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में किसी भी प्रकार का तनाव ना लें, इससे आपको गर्भावस्था में हाई बीपी (gestational hypertension in hindi) की समस्या हो सकती है।
- कुछ महिलाओं को गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में शिशु के जन्म का डर परेशान करता है। अगर आपके साथ भी ऐसा है तो निश्चिंत रहें, प्रसव एक सामान्य प्रक्रिया है और इसमें डरने की कोई बात नहीं है।
- प्रेगनेंसी के सातवें, आठवें और नौवें महीने के दौरान अस्पताल ले जाने के लिए अपना बैग (Hospital bag in hindi) तैयार करना शुरू कर दें।
यह कुछ ऐसी बातें हैं जिनका गर्भावस्था के सातवें, आठवें और नौवें महीने में विशेष योगदान होता है, कुछ ऐसी परिस्थितियां हैं जिनमें आपको अपना खास ख्याल रखना होता है। इसलिए इन ऊपर बताई सभी बातों पर ध्यान दें और अपनी गर्भावस्था को स्वस्थ बनाएं और एक प्यारे से बच्चे का स्वागत करें।