गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से जूझना पड़ता है, जिसमेंं त्वचा संबंधी समस्याएं भी शामिल हैं। यूं तो गर्भावस्था के दौरान त्वचा संबंधी समस्याएं (skin problems in pregnancy in hindi) सामान्य है, लेकिन महिलाओं के लिए यह समस्या शारीरिक परेशानी से ज्यादा मानसिक तनाव है।
महिलाओं के इसी मानसिक तनाव को दूर करने के लिए हम कुछ महत्वपूर्ण बातें बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से गर्भावस्था के दौरान महिलाएं त्वचा संबंधी समस्याओं से बच सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान त्वचा संबंधी समस्याएं क्यों होती है?
(Pregnancy me skin problems kyun hoti hai)
कुछ ही महिलाएं ऐसी होती हैं, जिन्हें गर्भावस्था के दौरान त्वचा संबंधी समस्याएं (skin problems in pregnancy in hindi) नहीं होती बल्कि उनकी त्वचा चमकती रहती है, वरना ज्यादातर महिलाओं को त्वचा संबंधी समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है।
गर्भावस्था में त्वचा संबंधी समस्याएं (skin problems in pregnancy in hindi) सामान्य होती हैं, लेकिन किसी किसी के लिए यह समस्या गंभीर हो जाती है।
दरअसल, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से महिलाओं को ढेर सारी त्वचा संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ता है। प्रेगनेंसी के समय पेट बाहर आने की वजह से भी त्वचा में कई तरह के बदलाव होते हैं, ऐसे में हम बता रहे हैं कि आखिर प्रेगेंसी के समय महिलाओं को किन किन त्वचा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- त्वचा पर मुंहासों का होना
- पेट और जांघों पर स्ट्रेच मार्क्स की समस्या होना
- त्वचा पर खुजली होना
- त्वचा का रंग बदल जाना
गर्भावस्था के दौरान मुंहासे क्यों होते हैं?
(Pregnancy ke samay muhase kyun hote hai)
गर्भावस्था में मुंहासे होना बेहद सामान्य है, जिससे ज्यादातर महिलाएं जूझती हैं। दरअसल, गर्भावस्था के समय तेल की ग्रथिंया बहुत ही ज्यादा तेल का स्त्राव करती हैं, ऐसे में मुंहासें होना स्वभाविक है। ज्यादातर मामलों मेंं यह ठोडी के आसपास होते हैं, लेकिन कुछ महिलाओं के पूरे चेहरे पर फैल जाते हैं।
अगर मुंहासों का सही तरह से उपचार नहीं किया जाए तो यह प्रसव के बाद भी बरकरार रहते हैं, इसलिए शुरूआत से ही इनकी रोकथाम करना जरूरी है। तो चलिए जानते हैं कि गर्भावस्था के समय मुंहासों से बचने के लिए क्या करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान मुंहासे निकलने से कैसे रोकें (pregnancy ke samay muhase nikalne se kaise roke)
मुंहासों से बचने के लिए दिन में तीन से चार बार चेहरे को धोना चाहिए। चेहरे को बार बार धोने से त्वचा से तेल कम होेने लगता है, जिससे मुंहासे कम हो जाते हैं। तो चलिए जानते हैं कि मुंहासों को रोकने के घरेलू उपाय क्या है।
तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल - मुंहासों को कम करने के लिए तुलसी के पत्ते को गुलाबजल में मिलाकर चेहरे पर लगाना चाहिए।
नींबू के रस का इस्तेमाल - नींबू के रस में गुलाब जल की कुछ बूंदे मिलाकर चेहरे पर लगाने से मुंहासे कम हो जाते हैं।
संतरे के रस का इस्तेमाल - एक चम्मच शहद में थोड़ा संतरे का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से मुंहासें धीरे धीरे कम होने लगते हैं।
हल्दी का इस्तेमाल - हल्दी का इस्तेमाल करने से मुंहासे कम होने लगते हैं, ऐसे में हल्दी में नीम के पत्तों को मिलाकर पीस लें, इसके बाद इसे चेहरे पर लगाएं, 15 मिनट के बाद इसे धो लें।
गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेच मार्क्स क्यों होते हैं?
(Garbhavastha ke samay stretch marks kyun hote hai)
गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेच मार्क्स का होना बेहद सामान्य है, लेकिन ये उन्हीं महिलाओं को ज्यादा होते हैं, जिनका वजन सामान्य से अधिक बढ़ता है। दरअसल, वजन बढ़ने की वजह से पेट पर धीरे धीरे निशान बनने लगते हैं, जोकि प्रेगनेंसी के बाद गहरे हो जाते हैं। तो चलिए जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेच मार्क्स से बचने के लिए क्या कर सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेच मार्क्स होने से कैसे रोकें (pregnancy ke samay stretch marks hone se kaise roke)
गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेच मार्क्स से बचाव के लिए विटामिन ई क्रीम या तेल से पेट पर हल्के से मसाज करनी चाहिए। इसके अलावा अंडे का सफेद हिस्सा प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से भी स्ट्रेच मार्क्स की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। स्ट्रेच मार्क्स तभी जाते हैं जब वो लाल रंग के हो, सफेद रंग के होने नहीं जाते हैं।
गर्भावस्था में स्किन काली क्यों हो जाती है?
(Pregnancy ke dauran skin kali kyun ho jati hai)
गर्भवती होने का पहला लक्षण त्वचा का रंग बदलकर गहरा हो जाना हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के निप्पल के पास गहरा काला घेरा बनता है, जिसे हर तीन में से दो गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी की शुरूआत से ही महसूस करती हैं।
दरअसल, निप्पल ही नहीं बल्कि जांघ, नाभी, गले आदि जगहों का रंग पहले से बदलकर गहरा हो जाता है, जिसे क्लोस्मा या मेलास्मा (closma or melasma in hindi) भी कहते हैं।
गौरतलब है कि इस दौरान महिलाओं की त्वचा में लाल रंग के चकते भी पड़ते हैं, जिसकी वजह से महिला को टेंशन हो जाती है। हालांकि, स्किन का गहरा रंग प्रसव के बाद पूरी तरह से ठीक हो जाता है, लेकिन फिर भी इसका रोकथाम करना जरूरी है।
गर्भावस्था के दौरान स्किन काली होने से कैसे रोकें (pregnancy ke samay skin kali hone se kaise roke)
सूर्य की तेज़ किरणों से त्वचा का रंग लाल, भूरा या काला हो जाता है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान धूप से जितना हो सके उतना बचना चाहिए। जब भी बाहर जाना हो, तो सनस्क्रीन क्रीम लगाकर ही जाएं, इससे त्वचा सुरक्षित रहती है। त्वचा पर किसी भी तरह का लोशन या क्रीम का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
गर्भावस्था में पेट का निचला हिस्सा रूखा क्योंं हो जाता है?
(Garbhavastha me pet ke nichala hisse me rukhapan kyun hota hai)
प्रेगनेंसी में शिशु के विकास से पेट का आकार बढ़ता है, जिससे पेट में खिंचाव होता है। खिंचाव होने की वजह से पेट के निचले हिस्से में रूखापन महसूस होता है, इसलिए खुजली भी होने लगती है। पेट के निचले हिस्से के रूखेपन के साथ अगर खुजली भी हो रही है, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
गर्भावस्था के दौरान पेट का निचला हिस्सा रूखा होने से कैसे रोकें (pregnancy ke samay pet ke nichale hisse me rukhapan hone se kaise roke)
गर्भवती महिलाएं पेट के निचले हिस्से के रूखेपन को कम करने के लिए क्रीम का इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन ध्यान रहे कि क्रीम हल्के हाथों से ही लगाएं। इसके अलावा दिन मेंं 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए, इससे त्वचा मेंं नमी बरकरार रहती है।
गर्भावस्था के दौरान झाइयां और मस्सों की समस्या
(Pregnancy ke samay jhaiya and masso ki samsya)
प्रेगनेंसी के समय झाइयां और मस्सों का होना सामान्य है। गर्भावस्था के दौरान 50 प्रतिशत महिलाएं झाइयां और मस्सों का सामना करती हैं। दरअसल, गर्भावस्था में हार्मोनल बदलाव की वजह से निप्पल, चेहरे, गले, जांघ आदि जगहों पर झाइयां और मस्सों की समस्या होती है, जोकि प्रेगनेंसी के बाद अपने आप ही ठीक हो जाते हैं।
गर्भावस्था के दौरान झाइयां और मस्सें होने से कैसे रोकें (pregnancy ke samay jhaiya and masse hone se kaise roke)
प्रेगनेंसी के समय झाइयों औऱ मस्सोंं से बचाव करना संभव नहीं है, लेकिन अगर आपको इस तरह की कोई परेशानी हो, तो डॉक्टर से एक बार जरूर संपर्क कर लें। इस समस्या से बचने के लिए गर्भावस्था में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
गर्भावस्था में वैरिकोज वेन्स की समस्या क्यों होती है?
(Garbhavastha me varicose veins ki samsya kyun hoti hai)
गर्भावस्था के दौरान त्वचा संबंधी समस्याओं मेंं वैरिकोज वेन्स (varicose veins in hindi) भी शामिल है। वैरिकोज वेन्स (varicose veins in hindi) की वजह से गर्भवती महिलाओं के पैरो की नसें उभरने लगती हैं, जो त्वचा पर साफ साफ दिखाई देती हैं, जिसके कारण उनके पैरो में काफी दर्द होता है।
दरअसल, प्रेगनेंसी के दौरान रक्त प्रवाह भारी मात्रा में होता है, जिसकी वजह से वैरिकोज वेन्स (varicose veins in hindi) की समस्या होती है। इसके अलावा अगर गर्भवती महिला के घर में कोई सदस्य पहले से ही वैरिकोज वेन्स (varicose veins in hindi) से पीड़ित है, तो इसकी संभावना ज्यादा हो जाती हैं।
गर्भावस्था के दौरान वैरिकोज वेन्स होने से कैसे रोकें (pregnancy ke samay varicose veins hone se kaise roke)
वैरिकोज वेन्स (varicose veins in hindi) की समस्या से बचाव के लिए गर्भवती महिलाओं को लगातार बैठे या खड़े नहीं रहना चाहिए, और थोड़ी थोड़ी देर बाद टहलते रहना चाहिए। कामकाजी महिलाएं ऑफिस में कुर्सी पर बैठते वक्त पैरों को किसी टेबल के सहारे रखें, ताकि दवाब ज्यादा न हो।
गर्भावस्था में खुजली क्योंं होती है?
(Pregnancy me khujli kyun hoti hai)
गर्भावस्था में पेट का आकार बढ़ने की वजह से खुजली की समस्या भी हो सकती है। खुजली की समस्या यूं तो बेहद आम होती है, लेकिन कुछ मामलों में लिवर खराब होने की वजह से भी खुजली होती है, इसलिए खुजली की ज्यादा समस्या होने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क कर लेना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान खुजली होने से कैसे रोकें (pregnancy ke samay khujli hone se kaise roke)
खुजली को रोकने के लिए क्रीम का इस्तेमाल करें या फिर नारियल के तेल से हल्की मालिश करें। इसके अलावा रोज़ाना शरीर को अच्छे से साफ करना चाहिए, ताकि गंदगी की वजह से खुजली की समस्या न हो।
गर्भावस्था मेंं त्वचा की देखभाल कैसे करें?
(Garbhavastha me skin ki dekhbhal kaise kare)
कुछ महिलाएं तो यह मान लेती हैं कि गर्भावस्था के समय वह खूबसूरत नहीं दिख सकती हैं क्योंंकि उन्हें स्किन संबंधी समस्याएं हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान महिलाएं सामान्य दिनों से ज्यादा खूबसूरत दिख सकती हैं, जिसके लिए उन्हें त्वचा की देखभाल करने की जरूरत होती है। तो चलिए जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान त्वचा की देखभाल कैसे कर सकते हैं।
गर्भावस्था मेंं त्वचा की देखभाल: त्वचा को साफ रखें (skin care during pregnancy in hindi: skin ko saf rakhe)
स्किन की समस्याओं से बचने के लिए त्वचा की साफ सफाई करनी जरूरी है। दिन में तीन से चार बार चेहरे को साफ करना चाहिए। त्वचा को साफ करने के लिए आप जो उत्पाद इस्तेमाल करती हैं, वहीं करें।
गर्भावस्था मेंं त्वचा की देखभाल: भरपूर नींद लें (skin care during pregnancy in hindi: neend complete kare)
गर्भवती महिलाएं सामान्य महिलाओं की तुलना में ज्यादा थक जाती हैं, जिसकी वजह से उन्हें पर्याप्त मात्रा में नींद लेनी की जरूरत है।
गर्भावस्था मेंं त्वचा की देखभाल: खूब पानी पीयें (skin care during pregnancy in hindi: khub paani piye)
त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए गर्भवती महिलाओं को दिन मेंं 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए। पानी त्वचा को नम बनाये रखता है, जिससे त्वचा संबंधी तमाम समस्याएं दूर होती है।
गर्भावस्था मेंं त्वचा की देखभाल: तेज़ धूप में जाने से बचे (skin care during pregnancy in hindi: tej dhup me jane se bache)
गर्भवती महिलाओं को तेज़ धूप में जाने से बचना चाहिए, क्योंकि सूर्य की तेज किरणों से त्वचा का रंग परिवर्तन हो जाता है। जब भी धूप में निकलना हो, तो सनस्क्रीन क्रीम लगाना बिल्कुल न भूलें।
गर्भावस्था मेंं त्वचा की देखभाल: खुश रहें (skin care during pregnancy in hindi: khus rahe)
गर्भावस्था में चमकती त्वचा के लिए क्रीम लगाने के साथ साथ खुश भी रहना चाहिए, क्योंकि खुश रहने से त्वचा में चमक होने के साथ ही स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
महिलाएं गर्भावस्था के समय ऊपर लिखे सुझावों से खुद को स्किन समस्याओं से बचा सकती हैं। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान महिलाएं को स्किन के बारे में चिंता करना छोड़कर अपने आने वाले शिशु के बारे में अच्छे से सोचना चाहिए।